पत्रकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ट
योगदान के लिए मिला नारद सम्मान
नया मीडिया मंच के तत्वावधान में हिंदी संस्थान के निराला सभागार में आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयंती व पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में समाचार जगत से जुड़ी कई विभूतियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
श्री भूपेंद्र चौबे, कार्यकारी
सम्पादक, सीएनएन न्यूज़-18, तथा
विशिष्ट अतिथि श्री आशुतोष
शुक्ला एसोसिएट एडिटर, दैनिक
जागरण, उ.प्र. थे। कार्यक्रम
की अध्यक्षता श्री राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ ने
की। नया मीडिया मंच के तत्वावधान में हिंदी संस्थान के निराला सभागार में आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयंती व पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में समाचार जगत से जुड़ी कई विभूतियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
देवर्षि नारद आदि पत्रकार
के रूप में भारतीय जनमानस में
स्थापित हैं, उनकी जयंती पर
पत्रकारों को सम्मानित करने
की कोशिश दरअसल नारद जी के दिखाए
आदर्शों को आत्मसात करने और
उनका अनुकरण करने के उद्देश्य
से दिया जाता है। कार्यक्रम
में बतौर मुख्य अतिथि श्री
भूपेंद्र चौबे ने कहा कि तमाम
आदर्शों के बाद भी वर्तमान
पत्रकारिता की अपनी असलियतें
हैं आज खबर पर खर्च और आमदनी
के नजरिए से उसे महत्व दिया
जाता है। उन्होने पत्रकारिता
में पक्षपात की बजाय एक बैलेंस
ट्रैक बनाने की आवश्यकता बतायी।
उन्होने गंदी मछली से परहेज़
और अच्छी मछली के साथ खड़े होने
की आवश्यकता बताते हुए कहा
कि सम्पादक या अपने अधिकारी
की हर बात मान लेने की बजाय निर्णय
हमेशा दूरगामी असर और सही-गलत
की पहचान के साथ लिया जाना चाहिए।
कार्यक्रम के विशिष्ट
अतिथि श्री आशुतोष शुक्ला ने
मौजूदा दौर में पत्रकारिता
में आई गिरावट का जिक्र किया
और कहा कि पानी ऊपर से गिरता
है, लेकिन ये भी सही है कि जो
पानी ऊपर से नीचे आ रहा है उसमें
भी गंदगी आई है। उन्होने पत्रकारिता
को पुनर्परिभाषित करने की आवश्यकता
बताई और कहा कि कोई भी विचारधारा
देश से ऊपर नहीं हो सकती। उन्होने
नारद जी को आदर्श बताते हुए
कहा कि पत्रकार भी सामान्य
व्यक्ति है जिसे प्रारब्ध ने
असामान्य होने का अवसर दिया
है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता
कर रहे राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ ने
अपने दौर की पत्रकारिता और
वर्तमान पत्रकारिता के बीच
तकनीकी और वैचारिक स्तर में
आए बदलाव का जिक्र करते हुए
कहा कि पत्रकारिता आज मिशन
और व्यसन से आगे निकलते हुए
कमाई का साधन बन चुकी है। उन्होने
नारद जी से अहंकार का निषेध
करने की सीख लेने की आवश्यकता
बताई। उन्होने कहा कि जनकल्याण
के लिए कभी कभार नकारात्मकता
भी फैलानी पड़ती है जो पत्रकारिता
के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ
नहीं है। उन्होने पत्रकारों
में नीर-क्षीर की पहचान का गुण
विकसित करने की आवश्यकता बताई।
कार्यक्रम में पत्रकारिता
जगत की जिन विभूतियों को सम्मानित
किया गया उनमें श्रीमती शिल्पी
( सहारा समय, लखनऊ), सुश्री काजल
शर्मा ( अमर उजाला, लखनऊ) श्री
ब्रजेश मिश्रा( यूपी हेड, ईटीवी),
श्री श्रेय शुक्ला (वरिष्ठ
पत्रकार), श्री मनीष श्रीवास्तव
(ब्यूरो चीफ,नवभारत टाइम्स,
लखनऊ), श्री अभिनव पांडेय( वरिष्ठ
संवाददाता,पीटीआई), श्री प्रेम
सिंह ( वीडियो जर्नलिस्ट, एबीपी
न्यूज़) श्री धर्मेंद्र सिंह(
सम्पादकीय प्रभारी, आई नेक्स्ट,
लखनऊ), श्री नील मणि लाल( स्थानीय
सम्पादक, द फ्री प्रेस, इन्दौर),
श्री अवनीश विद्यार्थी( सीनियर
रिपोर्टर, इंडिया 24X7) श्री संजय
शर्मा( सम्पादक 4 पीएम, लखनऊ),श्री
आशुतोष त्रिपाठी (फोटोग्राफर),
श्री अमर शाह (वीडियो जर्नलिस्ट
इंडिया24X7) शामिल हैं।कार्यक्रम की
प्रस्तावना अशोक सिन्हा, निदेशक,
लखनऊ जनसंचार एवं पत्रकारिता
संस्थान ने प्रस्तुत की, जबकि संचालन श्रीमती नंदिनी
मिश्रा ने किया तथा धन्यवाद
ज्ञापन राधेश्याम दीक्षित
ने दिया।

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