गुरुवार, 5 मार्च 2015

आयुर्वेद मे स्वाइन फ्लू का तोड़!

कुछ लोग दावा कर रहें है कि आयुर्वेद और योग में मिला स्वाइन फ्लू का तोड़। कहा जा रहा है कि आयुर्वेद और योग का समन्वय स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारी को परास्त किया जा सकता है। आयुर्वेद और योग का समन्वय स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारी को हराया जा सकता है। कुछ आयुर्वेद विशेषज्ञों का दावा है कि इस चिकित्सा पद्धति में उन अनेक रोगों का इलाज उपलब्ध है, जिन्हें एलोपैथी असाध्य कह कर हाथ खड़े कर लेती है।
स्वाइन फ्लू पिछले अनेक दशकों से दुनिया में कहीं न कहीं विद्यमान है।आयुर्वेद में ऐसी बूटियां मौजूद हैं जिनके सेवन से इस रोग को शरीर में प्रवेश करने से भी रोका जा सकता है। रोग हो जाने पर दवाओं के माध्यम से मनुष्य रोग मुक्त हो सकता है।

 इस बात की तस्दीक योगगुरु रामदेव और आयुर्वेद के ख्यातिलब्ध विद्वान आचार्य बालकृष्ण भी करते हैं।महर्षि पतंजलि द्वारा प्रणीत योग और प्राणायाम के माध्यम से शरीर को रोग निरोधक बनाकर स्पर्श से आने वाले रोगों को रोक दिया जाता है। प्राणायाम, ध्यान, धारणा और समाधि, योग के ऐसे अंग हैं, जो शरीर को किसी भी रोग से लड़ने के लिए पहले ही तैयार करते हैं। रोग निरोधक क्षमता उत्पन्न हो जाने के कारण ही योगी आजीवन पूर्ण स्वस्थ्य रहते हैं। आज भी दुनिया भर में लाखों ऐेसे योग साधक हैं, जिन्हें जुकाम, खांसी जैसे सामान्य रोग भी नहीं होते। बाबा रामदेव के मुताबिक स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी से निपटने के लिए सजग रहने की आवश्यकता है। योग के साथ यदि आयुर्वेद का प्रयोग किया जाए तो निश्चय ही स्वाइन फ्लू को ठीक किया जा सकता है।
Image Courtesy Forbes.Com

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