उत्तराखंड। कर्नाटक में बाघ संख्यात्मक रूप से बेशक ज्यादा हों, पर वृद्धि दर में उत्तराखंड ने देश के सभी राज्यों को पछाड़ दिया है। कर्नाटक में बीते चार साल में बाघों की संख्या में जहां लगभग 35 फीसदी का इजाफा हुआ है तो इसी अवधि में उत्तराखंड में बाघों की संख्या तकरीबन पचास फीसदी बढ़ी है।
मंगलवार को जारी हुई स्टेटस आफ टाइगर इन इंडिया 2014 रिपोर्ट साबित करती है भारत में बाघ सुरक्षित हैं। उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश को छोड़ दें तो बाकी राज्यों में बाघों का कुनबा खूब फलफूल रहा है। इन दोनों राज्यों में बाघों की संख्या में गिरावट आई है। सबसे ज्यादा बाघ पश्चिमी घाट के राज्यों में मिले हैं। 2010 की गणना के अनुसार पश्चिमी घाट में 534 बाघ थे। यहां बाघों की संख्या 45.32 प्रतिशत बढ़कर 776 पहुंच गई है।
इस घाट में कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और गोवा शामिल हैं। जबकि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार वाले शिवालिक गैंगेटिक प्लेन में बाघों की संख्या चार साल में 353 से बढ़कर 485 हो गई है। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, झारखंड वाले पूर्वी घाट में बाघों की संख्या 601 से बढ़कर 688 पर पहुंची है। नॉर्थ ईस्ट हिल्स, सुंदरबन और ब्रहमपुत्र प्लेन में बाघों की कुल संख्या 218 से 277 हो गई है। उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश को छोड़ दें तो कुल मिलाकर बाघों की संख्या बढ़कर 2226 पहुंचना एक अच्छा संकेत बताया जा रहा है।
मंगलवार को जारी हुई स्टेटस आफ टाइगर इन इंडिया 2014 रिपोर्ट साबित करती है भारत में बाघ सुरक्षित हैं। उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश को छोड़ दें तो बाकी राज्यों में बाघों का कुनबा खूब फलफूल रहा है। इन दोनों राज्यों में बाघों की संख्या में गिरावट आई है। सबसे ज्यादा बाघ पश्चिमी घाट के राज्यों में मिले हैं। 2010 की गणना के अनुसार पश्चिमी घाट में 534 बाघ थे। यहां बाघों की संख्या 45.32 प्रतिशत बढ़कर 776 पहुंच गई है।
इस घाट में कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और गोवा शामिल हैं। जबकि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार वाले शिवालिक गैंगेटिक प्लेन में बाघों की संख्या चार साल में 353 से बढ़कर 485 हो गई है। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, झारखंड वाले पूर्वी घाट में बाघों की संख्या 601 से बढ़कर 688 पर पहुंची है। नॉर्थ ईस्ट हिल्स, सुंदरबन और ब्रहमपुत्र प्लेन में बाघों की कुल संख्या 218 से 277 हो गई है। उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश को छोड़ दें तो कुल मिलाकर बाघों की संख्या बढ़कर 2226 पहुंचना एक अच्छा संकेत बताया जा रहा है।

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