उत्तराखंड। हल्द्वानी, बाघ को बचाने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के सहयोग से भारत-नेपाल के वनाधिकारियों की संयुक्त बैठक हल्द्वानी में हुई। इसमें बेहतर समन्वय के लिए निश्चित अंतराल पर दोनों तरफ के अफसरों की मीटिंग करने समेत कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है। मीटिंग में शामिल तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ डा. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि उत्तराखंड और नेपाल के जंगल आपस में जुड़े हैं, इसमें वन्यजीवों का मूवमेंट होता है। ऐसे में दोनों तरफ एक जैसी चुनौतियां और समस्याएं हैं। मीटिंग में मुख्य रूप से वन्यजीव और जैव विविधता संरक्षण पर बातचीत हुई है।
फरवरी से सीमा पर संयुक्त गश्त करने का फैसला हुआ है। धकाते ने बताया कि हमने हाल में कई सूचनाओं का आदान-प्रदान किया, इसके बाद कार्रवाई हुई। इस दौरान नेपाल आर्मी के प्रोटेक्शन यूनिट के ले. कर्नल श्रवण के बिष्ट, शुक्ला फाटक सेंचुरी के वन संरक्षक बेदकुमार धकाल शामिल थे, तो उत्तराखंड जंगलात की तरफ से डीएफओ हल्द्वानी चंद्रशेखर सनवाल, एसडीओ प्रकाश आर्य, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के तराई आर्क लैंड स्केप प्रमुख हरीश गुलेरिया, नेपाल के संगठन एमपीएनसी सुदर्शन, हेमंत यादव शामिल थे।
हाल ही में नेपाल में कई बाघों का शिकार हुआ है। इसमें 15 जनवरी को नेपाल के दोधारा चांदनी और 18 जनवरी को कंचनपुर में बाघ मारे गए। नेपाल वन विभाग की टीम ने पीलीभीत एवं लखीमपुर के रहने वाले गुलाल मंडल और अनुज पांडे को गिरफ्तार किया, पर शिकारी हत्थे नहीं चढ़ सके। नेपाल के वनाधिकारियों को आशंका है कि वह भारत में छिपे हो सकते हैं। इसके अलावा यह नेपाल से सटे उत्तराखंड आदि जगहों पर भी शिकार की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में इनकी धरपकड़ के लिए संयुक्त रणनीति बनाने पर भी विचार-विमर्श हुआ है।
फरवरी से सीमा पर संयुक्त गश्त करने का फैसला हुआ है। धकाते ने बताया कि हमने हाल में कई सूचनाओं का आदान-प्रदान किया, इसके बाद कार्रवाई हुई। इस दौरान नेपाल आर्मी के प्रोटेक्शन यूनिट के ले. कर्नल श्रवण के बिष्ट, शुक्ला फाटक सेंचुरी के वन संरक्षक बेदकुमार धकाल शामिल थे, तो उत्तराखंड जंगलात की तरफ से डीएफओ हल्द्वानी चंद्रशेखर सनवाल, एसडीओ प्रकाश आर्य, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के तराई आर्क लैंड स्केप प्रमुख हरीश गुलेरिया, नेपाल के संगठन एमपीएनसी सुदर्शन, हेमंत यादव शामिल थे।
हाल ही में नेपाल में कई बाघों का शिकार हुआ है। इसमें 15 जनवरी को नेपाल के दोधारा चांदनी और 18 जनवरी को कंचनपुर में बाघ मारे गए। नेपाल वन विभाग की टीम ने पीलीभीत एवं लखीमपुर के रहने वाले गुलाल मंडल और अनुज पांडे को गिरफ्तार किया, पर शिकारी हत्थे नहीं चढ़ सके। नेपाल के वनाधिकारियों को आशंका है कि वह भारत में छिपे हो सकते हैं। इसके अलावा यह नेपाल से सटे उत्तराखंड आदि जगहों पर भी शिकार की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में इनकी धरपकड़ के लिए संयुक्त रणनीति बनाने पर भी विचार-विमर्श हुआ है।

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