समाचार महत्वपूर्ण है। फोटो सहित अधिक से अधिक प्रसार आवश्यक है। हो सकता है यह समाचार प्रकाशन के बाद परिजन महिला को पहचान सकें...
कहीं केदारनाथ त्रासदी से भटककर तो नहीं आई ये महिला
उत्तराखंड। पिथौरागढ़ जिले के देवलथल पहुंची टूटी-फूटी मराठी बोल रही एक महिला को देखकर लोगों ने संभावना जताई है कि वह भी कहीं केदारनाथ से भटकी श्रद्धालु तो नहीं है। इस बात का इससे भी बल मिलता है क्योंकि देवलथल से सड़क थल, चैकोड़ी होते हुए बागेश्वर मिलती है और बागेश्वर से ग्वालदम। ग्वालदम चमोली जिले से सटा है और चमोली जिले में ही केदारनाथ धाम है।
चूंकि ग्वालदम से पिथौरागढ़ के लिए नियमित केमू की बसें चलती हैं।
ऐसे में संभव है कि महिला चमोली की तरफ से ग्वालदम होते हुए किसी बस में यहां देवलथल पहुंची होगी। देवलथल पिथौरागढ़ से 30 किमी दूर है। देवलथल पहुंची इस महिला की उम्र 45-50 वर्ष के बीच बताई जा रही है। यह महिला देवलथल में अनिल पांडे की दुकान के आगे बैठ गई। जब लोगों ने उससे उसके बारे में पूछा तो वह कुछ नहीं बता पाई।
राष्ट्रीय खेलों में रवींद्र बने उत्तराखंड के गोल्डन ब्वॉय
विश्व संवाद केन्द्र उत्तराखंड। देहरादून, 35वें राष्ट्रीय खेलों में रवींद्र रौतेला उत्तराखंड के गोल्डन ब्वॉय बने हैं। खेल कुंभ के 12वें दिन उत्तराखंड पुलिस के सिपाही रवींद्र रौतेला ने 1500 मीटर दौड़ में पहला स्थान हासिल कर उत्तराखंड के स्वर्ण का सूखा खत्म किया है। यूनीवर्सिटी स्टेडियम में बुधवार शाम एथलेटिक्स के ट्रैक एंड फील्ड इवेंट के पुरुष वर्ग की 1500 मीटर दौड़ का फाइनल हुआ।
पहले लैप में आराम से शुरुआत करने के बाद रवींद्र ने दूसरे लैप में रफ्तार बढ़ानी शुरू की और तीसरे लैप से पहले सबसे आगे हो गए। चैथे और अंतिम लैप में अंतिम 200 मीटर की दूरी में तमिलनाडु और हरियाणा के एथलीट ने रवींद्र को टक्कर देने की कोशिश की, लेकिन रवींद्र ने अंतिम 50 मीटर की दूरी में सभी को पीछे कर स्वर्ण पदक जीत लिया। रवींद्र ने दौड़ पूरी करने में 3 मिनट 51.06 सेकंड का समय लिया।
रवींद्र इससे पहले विश्व पुलिस एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2013 में भी 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। साल ही साल 2014 में ऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स मीट के भी चैंपियन बने थे।
कहीं केदारनाथ त्रासदी से भटककर तो नहीं आई ये महिला
उत्तराखंड। पिथौरागढ़ जिले के देवलथल पहुंची टूटी-फूटी मराठी बोल रही एक महिला को देखकर लोगों ने संभावना जताई है कि वह भी कहीं केदारनाथ से भटकी श्रद्धालु तो नहीं है। इस बात का इससे भी बल मिलता है क्योंकि देवलथल से सड़क थल, चैकोड़ी होते हुए बागेश्वर मिलती है और बागेश्वर से ग्वालदम। ग्वालदम चमोली जिले से सटा है और चमोली जिले में ही केदारनाथ धाम है।
चूंकि ग्वालदम से पिथौरागढ़ के लिए नियमित केमू की बसें चलती हैं।
ऐसे में संभव है कि महिला चमोली की तरफ से ग्वालदम होते हुए किसी बस में यहां देवलथल पहुंची होगी। देवलथल पिथौरागढ़ से 30 किमी दूर है। देवलथल पहुंची इस महिला की उम्र 45-50 वर्ष के बीच बताई जा रही है। यह महिला देवलथल में अनिल पांडे की दुकान के आगे बैठ गई। जब लोगों ने उससे उसके बारे में पूछा तो वह कुछ नहीं बता पाई।
राष्ट्रीय खेलों में रवींद्र बने उत्तराखंड के गोल्डन ब्वॉय
विश्व संवाद केन्द्र उत्तराखंड। देहरादून, 35वें राष्ट्रीय खेलों में रवींद्र रौतेला उत्तराखंड के गोल्डन ब्वॉय बने हैं। खेल कुंभ के 12वें दिन उत्तराखंड पुलिस के सिपाही रवींद्र रौतेला ने 1500 मीटर दौड़ में पहला स्थान हासिल कर उत्तराखंड के स्वर्ण का सूखा खत्म किया है। यूनीवर्सिटी स्टेडियम में बुधवार शाम एथलेटिक्स के ट्रैक एंड फील्ड इवेंट के पुरुष वर्ग की 1500 मीटर दौड़ का फाइनल हुआ।
पहले लैप में आराम से शुरुआत करने के बाद रवींद्र ने दूसरे लैप में रफ्तार बढ़ानी शुरू की और तीसरे लैप से पहले सबसे आगे हो गए। चैथे और अंतिम लैप में अंतिम 200 मीटर की दूरी में तमिलनाडु और हरियाणा के एथलीट ने रवींद्र को टक्कर देने की कोशिश की, लेकिन रवींद्र ने अंतिम 50 मीटर की दूरी में सभी को पीछे कर स्वर्ण पदक जीत लिया। रवींद्र ने दौड़ पूरी करने में 3 मिनट 51.06 सेकंड का समय लिया।
रवींद्र इससे पहले विश्व पुलिस एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2013 में भी 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। साल ही साल 2014 में ऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स मीट के भी चैंपियन बने थे।

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