भाजपा से निकाले जा चुके जसवंत सिंह लालकृष्ण आडवाणी से मिलने पहुंचे हैं। समझा जा रहा है कि वे अपने पुत्र की पार्टी में वापसी के लिए कोशिश कर रहे हैं। खबर है की सुबह करीब 11 बजे पूर्व बीजेपी नेता जसवंत सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की।
जसवंत अब अपने पुत्र को भाजपा में फिर से शामिल कराने के लिए आडवाणी का दामन थाम रहे हैं वोलके लोग अनुमान लगा रहें है। वैसे जसवंत बीजेपी के सीनियर लीडर रह चुके हैं और आडवाणी के पुराने सहयोगी भी हैं।
भाजपा उम्मीदवार कर्नल सोनाराम ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह को 87,000 वोटों से भी ज्यादा के अंतर से हराया। चुनाव में सोनाराम को 4.87 लाख वोट मिले, जबकि जसवंत सिंह चार लाख वोट ही जुटा पाए।जसवंत सिंह पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे और विजयी रहे थे।
इस बार जसवंत सिंह बाड़मेर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन भाजपा ने सोनाराम को यहां उम्मीदवार बनाया। इससे खफा होकर जसवंत सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में यहां से पर्चा भरा और नाम वापस लेने से मना करने पर बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
फटो:intoday.in
जसवंत अब अपने पुत्र को भाजपा में फिर से शामिल कराने के लिए आडवाणी का दामन थाम रहे हैं वोलके लोग अनुमान लगा रहें है। वैसे जसवंत बीजेपी के सीनियर लीडर रह चुके हैं और आडवाणी के पुराने सहयोगी भी हैं।
भाजपा उम्मीदवार कर्नल सोनाराम ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह को 87,000 वोटों से भी ज्यादा के अंतर से हराया। चुनाव में सोनाराम को 4.87 लाख वोट मिले, जबकि जसवंत सिंह चार लाख वोट ही जुटा पाए।जसवंत सिंह पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे और विजयी रहे थे।
इस बार जसवंत सिंह बाड़मेर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन भाजपा ने सोनाराम को यहां उम्मीदवार बनाया। इससे खफा होकर जसवंत सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में यहां से पर्चा भरा और नाम वापस लेने से मना करने पर बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
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